Hindu Mantra : 16 चमत्कारी देवी देवताओं के मंत्र जो योग साधना और जीवन को बनाते हैं सुखमय

Hindu Mantra : नमस्कार मित्रों वैसे तो हिंदू धर्म में अलग-अलग देवताओं के अलग-अलग मंत्र माने जाते हैं लेकिन कुछ मंत्र ऐसे होते हैं जो बहुत शक्तिशाली और बहुत प्राचीन होते हैं जो कि हिंदू ग्रंथो के में लिखे होते हैं और वह बहुत प्राचीन होते हैं ऐसे ही हम आपको कुछ 16 मंत्र देने वाले हैं जो की आप योग साधना और मन की शांति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है आईए जानते हैं वहां 16 मंत्र जो हर किसी को मालूम होना चाहिए

Hindu Mantra

1. Gayatri Mantra

ॐ भूर्भुवः स्वः,
तत्सवितुर्वरेण्यम्
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात् ॥

2. Mahadev

ॐ त्रम्बकं यजामहे,
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ,
उर्वारुकमिव बन्धनान्,
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् !!

3. Shri Ganesha

वक्रतुंड महाकाय,
सूर्य कोटि समप्रभ
निर्विघ्नम कुरू मे देव,
सर्वकार्येषु सर्वदा !!

4. Shri hari Vishnu

मङ्गलम् भगवान विष्णुः,
मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः,
मङ्गलाय तनो हरिः॥

5. Shri Brahma ji

ॐ नमस्ते परमं ब्रह्मा,
नमस्ते परमात्ने ।
निर्गुणाय नमस्तुभ्यं,
सदुयाय नमो नम:।।

6. Shri Krishna

वसुदेवसुतं देवं,
कंसचाणूरमर्दनम्।
देवकी परमानन्दं,
कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम।

7. Shri Ram

श्री रामाय रामभद्राय,
रामचन्द्राय वेधसे ।
रघुनाथाय नाथाय,
सीताया पतये नमः !

8. Maa Durga

ॐ जयंती मंगला काली,
भद्रकाली कपालिनी ।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री,
स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते।।

9. Maa Mahalakshmi

ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो,
धन धान्यः सुतान्वितः ।
मनुष्यो मत्प्रसादेन,
भविष्यति न संशयःॐ ।

10. Maa Saraswathi

ॐ सरस्वति नमस्तुभ्यं,
वरदे कामरूपिणि।
विद्यारम्भं करिष्यामि
सिद्धिर्भवतु मे सदा ।

11. Maa Mahakali

ॐ क्रीं क्रीं क्रीं,
हलीं ह्रीं खं स्फोटय,
क्रीं क्रीं क्रीं फट !!

12. Hanuman ji

मनोजवं मारुततुल्यवेगं,
जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं,
श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥

13. Shri Shanidev

ॐ नीलांजनसमाभासं,
रविपुत्रं यमाग्रजम ।
छायामार्तण्डसम्भूतं,
तं नमामि शनैश्चरम् ||

14. Shri Kartikeya

ॐ शारवाना-भावाया नम:,
ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा ,
वल्लीईकल्याणा सुंदरा।
देवसेना मन: कांता,
कार्तिकेया नामोस्तुते ।

15. Kaal Bhairav ji

ॐ ह्रीं वां बटुकाये,
क्षौं क्षौं आपदुद्धाराणाये,
कुरु कुरु बटुकाये
ह्रीं बटुकाये स्वाहा।

16. Barat Mata

नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे
त्वया हिन्दुभूमे सुखद् वर्धितोऽहम्
महामङ्गले पुण्यभूमे त्वदर्थे
पतत्वेष काथो नमस्ते-नमस्ते ।। १

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